किसी घर या भूखंड की पूर्व और दक्षिण दिशाएं जहां मिलती हैं उस स्थान को दक्षिण-पूर्व कहते हैं । वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को आग्नेय कोण भी कहते हैं।
अष्टविनायक का अर्थ है भगवान गणेश को समर्पित आठ मंदिर। ये हैं: मोरया मोरेश्वर मोरगांव में, सिद्धिविनायक सिद्धटेक में, बल्लाळेश्वर पाली में, वरदविनायक महड में, चिंतामणि थेऊर में, गिरिजात्मज लेण्याद्री में, विघ्नेश्वर ओझर में, और महागणपति रांजणगांव में।