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वेद पाठशालाओं और गौशालाओं के लिए आप जो अच्छा काम कर रहे हैं, उसे देखकर बहुत खुशी हुई 🙏🙏🙏 -विजय मिश्रा

आपके शास्त्रों पर शिक्षाएं स्पष्ट और अधिकारिक हैं, गुरुजी -सुधांशु रस्तोगी

वेदधारा से जुड़ना एक आशीर्वाद रहा है। मेरा जीवन अधिक सकारात्मक और संतुष्ट है। -Sahana

हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल

जय सनातन जय सनातनी 🙏 -विकाश ओझा

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संतुलित जीवन के चार स्तंभ

धरती चार स्तंभों से टिकी है: करुणा, विनम्रता, सहायता और आत्म-नियंत्रण। ये गुण दुनिया में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। इन गुणों को अपनाकर व्यक्ति समाज में योगदान देता है और व्यक्तिगत विकास करता है। करुणा अपनाने से सहानुभूति बढ़ती है; विनम्रता से अहंकार दूर होता है; सहायता से निःस्वार्थ सेवा की भावना आती है, और आत्म-नियंत्रण से अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। ये सभी गुण मिलकर एक संतुलित और अर्थपूर्ण जीवन की मजबूत नींव बनाते हैं।

गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है?

गायत्री मंत्र का अर्थ - हम श्रेष्ठतम सूर्य भगवान पर ध्यान करते हैं। वे हमारी बुद्धि को प्रकाशित करें।

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हितोपदेश ग्रंथ के रचयिता कौन हैं ?

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