ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ॐ स्वाहा ॐ गरुड सं हुँ फट् । किसी रविवार या मंगलवार के दिन इस मंत्र को दस बर जपें और दस आहुतियां दें। इस प्रकार मंत्र को सिद्ध करके जरूरत पडने पर मंत्र पढते हुए फूंक मारकर भभूत छिडकें ।
संस्कृत में शकुंत का अर्थ है पक्षी। जन्म होते ही शकुंतला को उसकी मां मेनका नदी के तट पर छोडकर चली गयी। उस समय पक्षियों ने उसकी रक्षा की थी। कण्व महर्षि को शकुंतला पक्षियों के बीच में से मिली थी। इसलिए उन्होंने उसका नाम शकुंतला रखा।