सबसे पहले वसुदेव, प्रजापति सुतपा थे और देवकी उनकी पत्नी पृश्नि। उस समय भगवान ने पृश्निगर्भ के रूप में उनका पुत्र बनकर जन्म लिया। उसके बाद उस दंपति का पुनर्जन्म हुआ कश्यप - अदिति के रूप में। भगवान बने उनका पुत्र वामन। तीसरा पुनर्जन्म था वसुदेव - देवकी के रूप में।
सबके अन्दर दिव्य चक्षु विद्यमान है। इस दिव्य चक्षु से ही हम सपनों को देखते हैं। पर जब तक इसका साधना से उन्मीलन न हो जाएं इससे बाहरी दुनिया नहीं देख सकते।
अभिमन्यु की पत्नी का नाम
महाभारत में अभिमन्यु की पत्नी के बारे में जानें। उनके पि�....
Click here to know more..धन के लिए दत्तात्रेय मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्रों ग्लौं द्राम् ।....
Click here to know more..राम पंचरत्न स्तोत्र
योऽत्रावतीर्य शकलीकृत- दैत्यकीर्ति- र्योऽयं च भूसुरवरा�....
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