महायोगी गोरखनाथ जी के अनुसार अनाहत चक्र और उसमें स्थित बाणलिंग पर प्रतिदिन ४८०० सांस लेने के समय तक (५ घंटे २० मिनट) ध्यान करने से यह जागृत हो जाता है।
वह धृतराष्ट्र के एक वैश्य महिला से उत्पन्न पुत्र था। वह कौरवों की सूची में शामिल नहीं है। कुरूक्षेत्र युद्ध के दौरान युयुत्सु पांडव पक्ष में शामिल हो गया। उन्होंने परीक्षित के शासन की देखरेख की और उन्हें सलाह दी।
सुदर्शन को देवी मंत्र का उपदेश
आध्यात्मिक अभिवृद्धि के लिए हंस गायत्री मंत्र
हंसहंसाय विद्महे परमहंसाय धीमहि । तन्नो हंसः प्रचोदयात�....
Click here to know more..हनुमान आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। जाके बल ....
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