Bhakti Ratnavali was written by Vishnu Puri of Mithila under instruction from Chaitanya Mahaprabhu. It is a collection of all verses pertaining to bhakti from Srimad Bhagavata.
ब्रह्मा जी और विष्णु जी बहस कर रहे थे कि उनके बीच कौन ज्यादा श्रेष्ठ हैं। उस समय शिव जी उनके सामने एक अनादि और अनन्त अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए जिसका न विष्णु जी न आधार ढूंढ पाये न ब्रह्मा जी शिखर ढूंढ पाए। इस अग्नि स्तंभ का प्रतीक है शिवलिंग।
लक्ष्मी नारायण हृदय स्तोत्र
ॐ श्रीगणेशाय नमः। श्रीगुरुभ्यो नमः। ॐ अस्य श्रीलक्ष्मी�....
Click here to know more..अक्षय वट
भारत के पुण्य तीर्थों में पुराणों के अनुसार अक्षय वट नाम �....
Click here to know more..अंगारक अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र
ॐ क्राँ क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ॥ ॐ महीसुतो महाभागो मङ्ग....
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