ब्रह्मवैवर्तपुराण.प्रकृति.२.६६.७ के अनुसार, विश्व की उत्पत्ति के समय देवी जिस स्वरूप में विराजमान रहती है उसे आद्याशक्ति कहते हैं। आद्याशक्ति ही अपनी इच्छा से त्रिगुणात्मिका बन जाती है।
कलयुग की कुल अवधि है ४,३२,००० साल। वर्तमान कलयुग ई.पू.३,१०२ में शुरू हुआ था और सन् ४,२८,८९९ में समाप्त होगा।
जन्म से नहीं, जप, तप आदियों से अध्यात्मिक शक्ति मिलती है
महाभारत कहता है - जन्म से नहीं, जप, तप आदियों से अध्यात्मिक ....
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ह्रीं क्लीं ह्सौः ....
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अथ पञ्चमोऽध्यायः । सन्यासयोगः । अर्जुन उवाच - संन्यासं क....
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