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वेदधारा के धर्मार्थ कार्यों में समर्थन देने पर बहुत गर्व है 🙏🙏🙏 -रघुवीर यादव

सनातन धर्म के भविष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता अद्भुत है 👍👍 -प्रियांशु

वेदाधरा से हमें नित्य एक नयी उर्जा मिलती है ,,हमारे तरफ से और हमारी परिवार की तरफ से कोटिश प्रणाम -Vinay singh

आपकी मेहनत से सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है -प्रसून चौरसिया

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श्राद्ध से बढ़कर कोई कर्म नहीं

श्राद्धात् परतरं नान्यच्छ्रेयस्करमुदाहृतम् । तस्मात् सर्वप्रयत्नेन श्राद्धं कुर्याद्विचक्षणः ॥ - (हेमाद्रि ) - श्राद्ध से बढ़कर कल्याणकारी और कोई कर्म नहीं होता । अतः प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध करते रहना चाहिये।

पराशर महर्षि का जन्म कैसे हुआ?

पराशर महर्षि के पिता थे शक्ति और उनकी माता थी अदृश्यन्ती। शक्ति वशिष्ठ के पुत्र थे। वशिष्ठ और विश्वामित्र के बीच चल रहे झगड़े में, एक बार विश्वामित्र ने कल्माषपाद नामक एक राजा को राक्षस बनाया। कल्माषपाद ने शक्ति सहित वशिष्ठ के सभी सौ पुत्रों को खा लिया। उस समय अदृश्यन्ती पहले से ही गर्भवती थी। उन्होंने पराशर महर्षि को वशिष्ठ के आश्रम में जन्म दिया।

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