गणेश जी बाधाओं को दूर करते हैं और सफलता प्रदान करते हैं। वे बुद्धि और विवेक भी प्रदान करते हैं। मुद्गल पुराण में गणेश जी को परमात्मा के रूप में दर्शाया गया है।
सूर्य देव के श्राप से निर्धन होकर शनि देव अपनी मां छाया देवी के साथ रहते थे। सूर्य देव उनसे मिलने आये। वह मकर संक्रांति का दिन था। शनि देव के पास तिल और गुड के सिवा और कुछ नहीं था। उन्होंने तिल और गुड समर्पित करके सूर्य देव को प्रसन्न किया। इसलिए हम भी प्रसाद के रूप में उस दिन तिल और गुड खाते हैं।
वैचारिक शक्ति के लिए बालादेवी मंत्र
ऐं क्लीं सौः सौः क्लीम् ऐम्....
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ॐ क्लीं श्रीं श्रीम्। रां रामाय नमः। श्रीं सीतायै स्वाहा....
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तेऽन्तः सत्त्वमुदञ्चयन्ति रचयन्त्यानन्दसान्द्रोदयं द....
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