ब्रह्मवैवर्तपुराण.प्रकृति.२.६६.७ के अनुसार, विश्व की उत्पत्ति के समय देवी जिस स्वरूप में विराजमान रहती है उसे आद्याशक्ति कहते हैं। आद्याशक्ति ही अपनी इच्छा से त्रिगुणात्मिका बन जाती है।
यदि आप गंगाजल और सामान्य जल को मिलाना चाहते हैं, तो गंगाजल को सामान्य जल में डालें , न कि इसके विपरीत।
किसी का दिल जीतने का मंत्र
वासुदेवाय विद्महे राधाप्रियाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचो....
Click here to know more..सर्पों से रक्षा के लिए मंत्र
अनन्तेशाय विद्महे महाभोगाय धीमहि तन्नोऽनन्तः प्रचोदया�....
Click here to know more..शनैश्चर द्वादश नाम स्तोत्र
नित्यं नीलाञ्जनप्रख्यम् नीलवर्णसमस्रजम्। छायामार्तण्....
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