१. सत्त्वगुणप्रधान ज्ञानशक्ति २. रजोगुणप्रधान क्रियाशक्ति ३. तमोगुणप्रधान मायाशक्ति ४. विभागों में विभक्त प्रकृतिशक्ति ५. अविभक्त शाम्भवीशक्ति (मूलप्रकृति)।
जिस स्थान पर श्री रामजी ने अहिल्या को श्राप से मुक्त किया, उसे अहिल्या स्थान के नाम से जाना जाता है। यह बिहार के दरभंगा जिले में अहियारी स्थित है।
करचरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
इस श्लोक का नियमित जाप करने से मनुष्य के पापों का नाश होता....
Click here to know more..पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि
इस भूलोक पर तीन ही चीज रत्न कहलाते हैं| पहला है पानी, दूसरा ....
Click here to know more..वाणी शरणागति स्तोत्र
वेणीं सितेतरसमीरणभोजितुल्यां वाणीं च केकिकुलगर्वहरां �....
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