समस्या-मुक्त जीवन के लिए दुर्गा मंत्र

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गोवत्स द्वादशी की कहानी क्या है?

एक बार माता पार्वती गौ माता के और भोलेनाथ एक बूढे के रूप में भृगु महर्षि के आश्रम पहुंचे। गाय और बछडे को आश्रम में छोडकर महादेव निकल पडे। थोडी देर बाद भोलेनाथ खुद एक वाघ के रूप में आकर उन्हें डराने लगे। डर से गौ और बछडा कूद कूद कर दौडे तो उनके खुरों का निशान शिला के ऊपर पड गया जो आज भी ढुंढागिरि में दिखाई देता है। आश्रम में ब्रह्मा जी का दिया हुआ एक घंटा था जिसे बजाने पर भगवान परिवार के साथ प्रकट हो गए। इस दिन को गोवत्स द्वादशी के रूप में मनाते हैं।

कितने प्रयाग हैं ?

पांच - विष्णुप्रयाग, नन्दप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग । प्रयागराज इन पांचों का मिलन स्थान माना जाता है ।

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राजा शंतनु के बडे भाई का नाम क्या था ?

ॐ क्लीं शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते क्लीं नमः ।....

ॐ क्लीं शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते क्लीं नमः ।

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