विवेकः सह सम्पत्त्या

विवेकः सह सम्पत्त्या विनयः सह विद्यया |
प्रभुत्वं प्रश्रयोपेतं चिह्नमेतन्महात्मनाम् ||

 

जब महान् व्यक्ति के पास संपत्ति आती है तो वह विवेक का उपयोग कर के उस का व्यय करता है | जब महान् व्यक्ति के पास विद्या आती है तो वह विनय के साथ व्यवहार करता है | जब महान् व्यक्ति के पास प्रभुत्व आता है तो वह अपने लोगों से प्रीतिपूर्वक व्यवहार करता है | यह ही महात्मा का लक्षण है |

 

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आज के समय में संतों का क्या महत्व है?

संतों को ज्ञान, मार्गदर्शन और आशा के स्रोत के रूप में देखा जाता है। आज के समय भी संत हमें नैतिकता, करुणा और विश्वास के साथ जीवन जीने का उदाहरण देते हैं। उनकी शिक्षाएं उत्तरोत्तर प्रासंगिक होते जा रहे हैं। वे कठिन समय में भी लचीलापन और विश्वास के साथ जीना सिखाते हैं।

संजीवनी मंत्र क्या है?

ॐ जूँ सः ईँ सौः हँसः सञ्जीवनि सञ्जीवनि मम हृदयग्रन्थिस्थँ प्राणँ कुरु कुरु सोहँ सौः ईँ सः जूँ ॐ ॐ जूँ सः अमृठोँ नमश्शिवाय ।

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