वायु पुराण

vayu puran first page

देव-वंश वर्णन 

सूत जी बोले - यह पापनाशिनी कथा आप लोगो को अब ज्ञात हो गई। यह दक्ष से सम्बन्ध रखने वाली कथा महादेव से प्राप्त हुई है, जो पितरों के वंश-वर्णन के प्रसंग में कह दी गई है। पितृवंश वर्णन की ही तरह अब आगे हम देव वंश का वर्णन करते हैं ।१-२। 

पहले स्वायम्भुव मनु के अधिकार काल में त्रेता युग के आदि में याम नाम के विख्यात देव थे, जो पहले यज्ञ-तनय थे। उनमें अजित ब्रह्मा के पुत्र थे और जित, जित् तथा अजित स्वायम्भुव के पुत्र थे। ये शुक्र नामक मानस पुत्र कहलाते थे ।३-४। 

देवों के तीन गण कहे गये हैं, जिनमें ये तृप्तिमान् गण कहलाते हैं। स्वायम्भुव मनु के तैंतीस पुत्र छन्दोग कहलाते है । यदु, ययाति नामक दो देव एवं दीधय स्रवस, मति, विभास, ऋतु, प्रजापति, विशत, द्युति, वायस और मङ्गल नामक बारह देव याम कहलाते है।६-६३। 

अभिमन्यु, उग्रदृष्टि, समय, शुचिश्रवा, केवल विश्वरूप, सुयक्ष, ( सुरक्ष ) मधुप, तुरीय, निहर्यु युक्त, ग्रावाजिन, यमी, विश्वेदेवादि, यविष्ठ, मृतवान्, अजिर, विभु, मृलिक, दिदेहक, श्रुतिशृण, वृहच्छक और ऊपर कहे गये बारह देव स्वायम्भुव मन्वन्तर के काल में वर्तमान थे । ये सोम-पीने वाले महाबली और वीर्यशाली थे। ये विषिमान गण के कहलाते थे। विश्वभुक् प्रथम विभु उन लोगों के इन्द्र थे। उस समय जो असुर गण थे, वे भी इनके जाति-भाई थे । सुपर्ण, यक्ष, गन्धर्व, पिशाच, उरग, राक्षस और पितरो के साथ नासत्य ये आठों देवयोनि कहलाते थे। इनके प्रभाव और रूप से संयुक्त एवं आयुष्मान तथा बलवान् सन्ताने हजारों की संख्या में स्वायम्भुव मन्वन्तर में बीत चुके है ।१०-१३। 

उसको विस्तार पूर्वक नहीं कहा जा रहा है, क्योंकि उसका प्रसंग भी यहाँ नहीं है । स्वायम्भुव मनु के काल का सृष्टि विस्तार वर्तमान मनु की ही तरह समझना चाहिये। अतीत मन्वन्तर में प्रजा सृष्टि या स्वभावादि वर्तमान वैवस्वत मनु के काल की ही तरह देखा जाता है। प्रजाओं, देवताओं, ऋषियों और पितरों के साथ पहले जो उनमें सप्तर्षि थे, उनको सुनिये-भृगु, अंगिरा, मरीचि, पुलस्त्य, पुलह, ऋतु, अनि और वसिष्ठ ।१४-१६३। 

स्वायम्भुव मन्वन्तर में अग्नीध्र, अतिबाहु, मेधा, मेधातिथि, वसु, ज्योतिष्मान्, द्युतिमान्, हव्य और सवन आदि ये महाबलशाली दस पुत्र स्वायम्भु मनु के थे । वायु ने कहा है कि, प्रथम मन्वन्तर में ये ही महा बलशाली राजा थे ।१७-१५३। 

आगे पढने के लिए यहां क्लिक करें

 

 

 

 

38.5K
1.1K

Comments

sdds3

முருகனின் சடாட்சர மந்திரம்

1. ௐ வசத்³பு⁴வே நம꞉ 2. ஶரவணப⁴வ

வேதத்தை இயற்றியது யார்?

வேதம் அபௌருஷேய என்று கூறப்படுகிறது. அவ்வாறு கூறப்படும் காரணம், வேதத்திற்கு ஆசிரியர் இல்லை. வேதம் என்பது பல காலம் கடந்து முனிவர்களின் அறிவிலிருந்து மந்திரங்களாக வெளிப் பட்டதாகும்.

Quiz

நீரின் தேவதை யார்?
Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |