रक्षा के लिए गणेश मंत्र

79.3K

Comments

7mb8r

अनाहत चक्र के गुण और स्वरूप क्या हैं?

अनाहत चक्र में बारह पंखुडियां हैं। इनमें ककार से ठकार तक के वर्ण लिखे रहते हैं। यह चक्र अधोमुख है। इसका रंग नीला या सफेद दोनों ही बताये गये है। इसके मध्य में एक षट्कोण है। अनाहत का तत्त्व वायु और बीज मंत्र यं है। इसका वाहन है हिरण। अनाहत में व्याप्त तेज को बाणलिंग कहते हैं।

रैवतक पर्वत कहां है?

गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिरनार पहाडियां ही रैवतक पर्वत है। इसके बारे में महाभारत.सभापर्व.१४.५० में ऐसा उल्लेख है; कुशस्थलीं पुरीं रम्यां रैवतेनोपशोभिताम्। रैवतक द्वारका को शोभा देनेवाला पर्वत है।

Quiz

द्रौपदी का अपहरण किसने किया था ?

ॐ नमो गणपते महावीर दशभुज मदनकालविनाशन मृत्युं हन हन कालं संहर संहर धम धम मथ मथ त्रैलोक्यं मोहय मोहय ब्रह्मविष्णुरुद्रान् मोहय मोहय अचिन्त्यबलपराक्रम सर्वव्याधीन् विनाशय विनाशय सर्वग्रहान् चूर्णय चूर्णय नागान्मोटय मोटय त्....

ॐ नमो गणपते महावीर दशभुज मदनकालविनाशन मृत्युं हन हन कालं संहर संहर धम धम मथ मथ त्रैलोक्यं मोहय मोहय ब्रह्मविष्णुरुद्रान् मोहय मोहय अचिन्त्यबलपराक्रम सर्वव्याधीन् विनाशय विनाशय सर्वग्रहान् चूर्णय चूर्णय नागान्मोटय मोटय त्रिभुवनेश्वर सर्वतोमुख हुं फट् स्वाहा ।

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |