भविष्यवाणी की शक्ति प्राप्त करने का मंत्र

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दक्षिण-पूर्व दिशा में शौचालय

दक्षिण-पूर्व दिशा में केवल स्नानघर बना सकते हैं। यहां कमोड न लगाएं।

अनाहत चक्र जागरण के फायदे और लक्षण क्या हैं?

शिव संहिता के अनुसार अनाहत चक्र को जागृत करने से साधक को अपूर्व ज्ञान उत्पन्न होता है, अप्सराएं तक उस पर मोहित हो जाती हैं, त्रिकालदर्शी बन जाता है, बहुत दूर का शब्द भी सुनाई देता है, बहुत दूर की सूक्ष्म वस्तु भी दिखाई देती है, आकाश से जाने की क्षमता मिलती है, योगिनी और देवता दिखाई देते हैं, खेचरी और भूचरी मुद्राएं सिद्ध हो जाती हैं। उसे अमरत्व प्राप्त होता है। ये हैं अनाहत चक्र जागरण के लाभ और लक्षण।

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