अक्रूर घाट

akrura gets realization

अक्रूर घाट वह दिव्य स्थान है जहां अक्रूर जी को भगवान श्रीकृष्ण के परमात्मा स्वरूप का दर्शन मिला था।

अक्रूर घाट की महिमा

कंस को पता चला कि कृष्ण वृन्दावन में है।

कृष्ण के हाथों कंस की मृत्यु होनी थी।

उसने कृष्ण को मारने के लिए कई बार राक्षसों को वहां भेजा।

वे सारे असफल हो गये और मारे गये।

फिर उसने एक षड्यंत्र रचा।

कंस के पास भगवान शिव द्वारा दिया गया धनुष था।

शिव जी ने कंस से कहा था कि उस धनुष को तोड़ने वाला ही उसका वध कर सकेगा।

कंस ने एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें दुनिया भर के योद्धा धनुष को तोड़ने की कोशिश कर सकते थे।

कृष्ण और बलराम को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया।

वहां उन दोनों को शक्तिशाली पहलवानों का उपयोग करके मारने की योजना थी।

कंस कृष्ण और अक्रूर के परस्पर स्नेह के बारे में जानता था।

उसने अक्रूर को प्रतियोगिता के निमंत्रण के साथ कृष्ण के पास अपना दूत बनाकर भेजा।

उस समय भगवान और उनका परिवार नंदगांव में रह रहे थे।

अक्रूर ने भगवान का दर्शन पाकर अपने आप को कृतार्थ समझा।

अगले दिन कृष्ण और बलराम अक्रूर के रथ में मथुरा के लिए निकले।

रास्ते में वे यमुना नदी के पास रुके।

अक्रूर सन्ध्याकाल का अनुष्ठान करना चाहते थे।

कृष्ण और बलराम रथ में बैठे और अक्रूर नदी की ओर चल पड़े।

अक्रूर ने नदी के जल में आदिशेष (बलराम) पर विराजमान  भगवान की छवि को देखा।

जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा, तो प्रभु रथ पर ही बैठे थे और उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे थे।

अक्रूर ने  फिर से नदी की ओर देखा।

भगवान यमुना जी में भी थे।

उस समय अक्रूर को एहसास हुआ कि कृष्ण कोई और नहीं बल्कि सर्वव्यापी परमात्मा हैं।

 

 

Google Map Image

 

19.6K

Comments

8nt2i

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कौन से राज्य में स्थित है?

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है।

संतान प्राप्ति के उपाय क्या हैं?

पद्म पुराण पाताल खंड में संतान प्राप्ति के लिए तीन उपाय बताये गये हैं- भगवान विष्णु का प्रसाद, भगवान शंकर का प्रसाद और गौ माता का प्रसाद।

Quiz

सत्यवती किसकी बेटी थी?
Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |